शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न विवाद : सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनका, तीन हफ्ते बाद होगी सुनवाई
शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आदेश पर रोक नहीं लगा सकते, यह पार्टी के भीतर एक अनुबंधात्मक संबंध है । उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है । उनसे दो हफ्ते में जवाब मांगा गया है । बैंक खाते और प्रापर्टी टेकओवर करने पर रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के आदेश की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार किया है । सुप्रीम कोर्ट इस मामले की तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा ।
सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद इसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम याचिका को सुनेंगे। नोटिस जारी कर रहे हैं. इसपर उद्धव के वकील सिब्बल ने कहा कि लेकिन आयोग के फैसले पर रोक लगनी चाहिए।यह एक के बाद पार्टी दफ्तर पर कब्ज़ा कर रहे हैं. सिंघवी आज अगर यह लोग कोई व्हिप जारी कर दें तो हमारे समर्थक अयोग्य हो जाएंगे, इसलिए, रोक लगनी चाहिए। इस पर सीजेआई ने कहा कि यह लोग कह रहे हैं कि वह फिलहाल ऐसा नहीं करेंगे । इस पर सिब्बल ने कहा कि लेकिन कई बातें हैं, पार्टी के बैंक अकाउंट पर इनका कब्ज़ा हो जाएगा ।
आपको बतादें कि पिछले हफ्ते ही चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को बड़ा झटका दिया था। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को ही असल शिवसेना माना था और धनुष बाण वाला चिह्न भी उन्हीं के पास गया था। इस फैसले को उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन अब यहां से पार्टी को कोई राहत नहीं मिली है। चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा गया।
उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के लिए सोमवार को याचिका दाखिल कर अर्जेंट सुनवाई की अपील की थी। सुनवाई के दौरान उद्धव गुट की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें दीं।